*🗓*आज का पञ्चाङ्ग*🗓*
*🎈 🔷आश्विन, शुक्ल पक्ष,द्वादशी विक्रम सम्वत 2082, 4 अक्टूबर 2025
शनिवार प्रदोष व्रत 🌙 *🙏
*🎈दिनांक - 4अक्टूबर 2025*
*🎈 दिन - शनिवार*
*🎈 विक्रम संवत् - 2082*
*🎈 अयन - दक्षिणायण*
*🎈 ऋतु - शरद*
*🎈 मास - आश्विन*
*🎈 पक्ष - शुक्ल पक्ष*
*🎈तिथि- द्वादशी 05:08:41 शाम तक तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*🎈 नक्षत्र - पूर्वभाद्रपदा 01:23:20 pm तक तत्पश्चात् उत्तरभाद्रपदा*
*🎈 योग - धृति 09:44:43* रात्रि तक तत्पश्चात् हर्शण*
*🎈करण -व्याघात 03:14:39*
am तक तत्पश्चात् तैतुल*
*🎈 राहुकाल_हर जगह का अलग है- सुबह 09:27 am से दोपहर 10:55 am तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈चन्द्र राशि - कुम्भtill 07:35:48
*🎈चन्द्र राशि - मीन from 07:35:48*
*🎈सूर्य राशि- तुला *
*🎈 सूर्योदय - 06:30:17*am
*🎈 सूर्यास्त -06:16:48*pm (सूर्योदय एवं सूर्यास्त ,नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈 दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*🎈 ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:52 से प्रातः 05:40 तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈 अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:47 पी एम (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈 निशिता मुहूर्त - 11:59 पी एम से 12:48 ए एम, अक्टूबर 05 तक (नागौर राजस्थान मानक समयानुसार)*
*🎈द्विपुष्कर योग -06:29 ए एम से 09:09 ए एम*
*🎈 व्रत पर्व विवरण -प्रदोष व्रत *
🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴🪴
*🛟चोघडिया, दिन🛟*
नागौर, राजस्थान, (भारत)
सूर्योदय के अनुसार।
*🎈 काल - हानि-06:29 ए एम से 07:58 ए एम काल वेला*
*🎈 शुभ - उत्तम-07:58 ए एम से 09:26 ए एम*
*🎈 रोग - अमंगल-09:26 ए एम से 10:55 ए एम*
*🎈 उद्वेग - अशुभ-10:55 ए एम से 12:24 पी एम*
*🎈 चर - सामान्य-12:24 पी एम से 01:52 पी एम*
*🎈 लाभ - उन्नति-01:52 पी एम से 03:21 पी एम वार वेला*
*🎈 अमृत - सर्वोत्तम-03:21 पी एम से 04:49 पी एम*
*🎈 काल - हानि-04:49 पी एम से 06:18 पी एम काल वेला*
*🛟चोघडिया, रात्🛟*
*🎈लाभ - उन्नति-06:18 पी एम से 07:49 पी एम काल रात्रि*
*🎈उद्वेग - अशुभ-07:49 पी एम से 09:21 पी एम*
*🎈शुभ - उत्तम-09:21 पी एम से 10:52 पी एम*
*🎈अमृत - सर्वोत्तम-10:52 पी एम से 12:24 ए एम, अक्टूबर 05*
*🎈चर - सामान्य-12:24 ए एम से 01:55 ए एम, अक्टूबर 05*
*🎈रोग - अमंगल-01:55 ए एम से 03:27 ए एम, अक्टूबर 05*
*🎈काल - हानि-03:27 ए एम से 04:58 ए एम, अक्टूबर 05*
*🎈लाभ - उन्नति-04:58 ए एम से 06:30 ए एम, अक्टूबर 05 काल रात्रि*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🚩 *☀#जय गणेश☀*
*🌹जय मां सच्चियाय 🌹*
*🎈गोमती चक्र🎈*
जीवन मे गोमती चक्र मानसिक शांति ,रोग और भय से मुक्ति , दरिद्रता से मुक्ति ,कोर्ट कचेरी ,भुत-प्रेत बाधा ,शत्रुपीड़ा ,संतान प्राप्ति, धन संचय, संमोहन ,वशीकरण ,स्थंभन , उच्चाटन, व्यापर वृद्धि, अचल स्थिरलक्ष्मी ,शत्रु भय –पीड़ा ,देह व्याधि ,दुस्वप्न में इसका प्रयोग अत्यंत प्रभावी देखा गया हे |
1. यदि आपके परिवार में खर्च अधिक होता है, शुक्रवार को २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्र लेकर पीले या लाल वस्त्र पर स्थान देकर धूप-दीप से पूजा करें । अगले दिन उनमें से चार गोमती चक्र उठाकर घर के चारों कोनों में एक-एक गाड़ दें । ११ चक्रों को लाल वस्त्र में बांधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और शेष किसी मन्दिर में अपनी समस्या निवेदन के साथ प्रभु को अर्पित कर दें ।
2. सात गोमती चक्रों को चांदी डिब्बी में सिंदूर तथा चावल डालकर तिजोरी मे रखें तो तिजोरी कभी खाली नही होगी ।
3. व्यापर स्थान पर ग्यारह सिद्ध गोमती चक्र और एक ९ मुखी रुद्राक्ष लाल कपड़े में बांध कर धन रखने वाले स्थान पर रख दे तो व्यापर में बढ़ोतरी होती जाएगी।
4. यदि किसी व्यक्ति को दिया हुआ धन वापस नही मिल रहा हो, तो शनिवार को उस व्यक्ति के नाम अक्षरों के बराबर गोमती चक्र लेकर मन ही मन धन की पुनः प्राप्ति की कामना करते हुए गोमतीचक्र को एक हाथ गहरी भूमि खोदकर एकांत स्थान में गाड़ दें। इस प्रयोग से धन वापस मिल जाता है
5. यदि बीमार ठीक नहीं हो पा रहा हो अथवा दवाइयाँ नही लग रही हों, तो उसके सिरहाने पाँच गोमती चक्र उपरोक्त मंत्र से अभिमंत्रित करके रखें। ऐसा करने से रोगी को शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ होगा।
6. अगर कोई व्यक्ति होली/शनिवार के दिन 7 गोमती चक्र को सवा मीटर लाल कपड़े में बांधकर अपने पूरे परिवार के ऊपर से ऊतारकर किसी बहते जल में प्रवाहित कर दे तो यह परिवार की तांत्रिक रक्षा कवच का कार्य करेगा।
7 . पेट संबंधी रोग होने पर 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल दें तथा सुबह उस पानी को पी लें। इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दूर हो जाते हैं।
8. अगर संतान कि प्राप्ति में किसी तरह की कोई बाधा आ रही हो तो यह प्रयोग अवश्य ही करे पाँच सिद्ध गोमती चक्र लेकर किसी नदी या तालाब में पाँच बार यह मन्त्र बोल कर विसर्जित कर दे तो संतान की बाधा समाप्त हो जाएगी मन्त्र इस प्रकार है
ओम गर्भरकक्षांम्बिकाय़ै च विद्महे, मंगल देवतायै च धीमहि, तन्नौ देवी प्रचोतयात्।
9. ग्यारह गोमती चक्र लेकर लाल सिंदूर की डिब्बी में भरकर अपने घर में रखने से दाम्पत्य प्रेम बढ़ता है। और गृह क्लेश नाश होता है।
10. अगर नोकरी न मिल रही हो या नोकरी में कोई तरकी नही हो रही है तो उसे सिद्ध किया हुआ एक गोमती चक्र रोजाना शिव लिंग पर चढ़ाना चाहिए ऐसा इक्कीस दिन लगातार करने पर नोकरी में बन रही कोई भी अड़चन समाप्त हो जाएगी।
11 . अगर किसी बच्चे को नजर जल्दी लगती हो तो उसे गोमती चक्र चांदी में जड़वा कर पहना दे नजर दोष से मुक्ति मिलेगी व वो सवस्थ भी रहेगा ।
गोमती चक्र सिद्ध करने की विधि : किसी भी होली, दीवाली, नवरात्र तथा ग्रहण या अमावस्या के दिन चक्रेश्वरी मन्त्र के 1100 जप करके गोमती चक्र सिद्ध हो जाते है।
ॐ ह्रीं श्रीं चक्रेश्वरी, चक्रवारुणी,
चक्रधारिणी, चक्रवे गेन मम उपद्रवं
हन-हन शांति कुरु-कुरु स्वाहा।
धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है। असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ । इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है।
धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र अपने पुजा स्थान मे रखना चाहिऐ उनके सामने ॐ श्री नमः का जाप करना चाहिऐ। इससे आप जो भी कार्य करेंगे उसमे आपका मन लगेगा और सफलता प्राप्त होगी । किसी भी कार्य को उत्साह के साथ करने की प्रेरणा मिलेगी।
गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदुर तथा अक्षत डालकर रखें तो ये शीघ्र फलदायक होते है। होली, दीवाली, तथा नवरात्रों आदि पर गोमती चक्रों की विशेष पुजा की जाति है। अन्य विभिन्न मुहुर्तों के अवसर पर भी इनकी पुजा लाभदायक मानी जाती है। सर्वसिद्धि योग तथा रावेपुष्य योग आदि के समय पुजा करने पर ये बहुत फलदायक है।
गोमती चक्र की पूजा
होली, दिवाली और नव रात्रों आदिपर गोमती चक्र की विशेष पूजा होती है। सर्वसिद्धि योग, अमृत योग और रविपुष्य योग आदि विभिन्न मुहूर्तों पर गोमती चक्र की पूजा बहुत फलदायक होती है। धन लाभ के लिए ११ गोमती चक्र अपने पूजा स्थान में रखें तथा उनके सामने ॐ श्रींनमः का जाप करें।
ऊपरी बाधाओं से मुक्ति दिलाए गोमती चक्र----
गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी में मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यों तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है। इसका तांत्रिक उपयोग बहुत ही सरल होता है। किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए यह बहुत ही कारगर उपाय है।
1- यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर घुमाकर आग में डाल दें तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है।
2- यदि घर में बीमारी हो या किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर उसे चांदी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाये पर बांध दें। उसी दिन से रोगी को आराम मिलने लगता है।
3- प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे।
4- व्यापार वृद्धि के लिए दो गोमती चक्र लेकर उसे बांधकर ऊपर चौखट पर लटका दें और ग्राहक उसके नीचे से निकले तो निश्चय ही व्यापार में वृद्धि होती है।
5- यदि इस गोमती चक्र को लाल सिंदूर के डिब्बी में घर में रखें तो घर में सुख-शांति बनी रहती है।
शुक्ल पक्ष के बुधवार को ४ गोमती चक्र अपने सिर
से घुमाकर चारों दिशाओं में फेंक दें तो व्यक्ति पर किए गए तांत्रिक अभिकर्म का प्रभाव खत्म हो जाता है।
♨️ ⚜️ 🕉🌞 🌞🕉 ⚜🚩
~~~~~~~~~~~💐💐〰
*☠️🐍जय श्री महाकाल सरकार ☠️🐍*🪷* मोर मुकुट बंशीवाले सेठ की जय हो 🪷*
▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
*♥️~यह पंचांग नागौर (राजस्थान) सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष, त्यौहार की जानकारी शास्त्रों से ली गई है।*
*हमारा उद्देश्य मात्र आपको केवल जानकारी देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।*
*राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
ज्योतिर्विद आचार्य दिनेश"प्रेमजी", नागौर (राज,)*
*।।आपका आज का दिन शुभ मंगलमय हो।।*
🕉️📿🔥🌞🚩🔱🚩